रबी मौसम में गेहूँ एक प्रमुख फसल है, खासकर मैदानी भागो में इसकी खेती किसानों के आमदनी का एक अहम ज़रिया है. इसलिए इसकी खेती में आधुनिक तौर तरीके को अपनाना ज़रूरी है.अभी गेहूँ की बीजाई हो रही है और कुछ पिच्छेती किस्म की बीजाई बाकी है.किसान भाइयों को ये बता दें की फसल चाहे कोई भी हो बीज उपचार बहुत ज़रूरी है.अगर आप बीजाई के पहले उपचार कर लेते हैं तो उपज में २५ प्रतिशत की बढ़ोतरी तय है.सबसे पहले आप बीज की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर ही बाजार से बीज खरीदें . अगर आप अपना बीज लेते हैं तो सबसे पहले उसकी ग्रेडिंग कर लें.ग्रेडिंग के बाद उपचार करने के लिए एग्रोसिन जी एन या बाजार में उपलब्ध दवाई को बीज को उपचारित करें.उपचारित करने के लिए पैकेट में लिखे मात्रा को गेहूँ के बीज में मिलाएँ, दवाई मिलाते समय गेहूँ को पानी से हल्का भींगा लें ताकि दवाई अच्छी तरह से मिल जाय.इसके बाद छाया में बीज को सूखा लें.अब खेत की तैयारी कर बीज की बआई करें .गेहूँ बूआई के पहले उपचार उसी तरह ज़रूरी है जैसे पेट में पल रहे बच्चे के लिए टीका .इसलिए आप आज ही ये तय कर लें की बूआई उपचार के बाद ही करेंगे .अगले अंक में सिंचाई के महत्व के बारे बताएँगे की इसपर ध्यान देना कितना ज़रूरी है
रविवार, 2 नवंबर 2008
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